मां महागौरी मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

Madbestshayari.com

महागौरी कौन है?

मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गा पूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों को सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं।

मां महागौरी का स्वरूप

मां की चार भुजाएं हैं | वह अपने एक हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं, दूसरे हाथ से अभय मुद्रा में हैं, तीसरे हाथ में डमरू सुशोभित है तथा चौथा हाथ वर मुद्रा में है | मां का वाहन वृष है. साथ ही मां का वर्ण श्वेत है |

किस फूल से करे मां महागौरी की पूजा

पूजा में मां महागौरी को सफेद और पीले फूल अर्पित करें। नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से देवी महागौरी  प्रसन्न होती हैं।

मां महागौरी की  पूजा विधि

सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर गंगा जल छिड़ककर शुद्ध करें, फिर माता की मूर्ती स्थापित करें। माता को पंचामृत से स्नान कराएं। गणेश पूजन और कलश पूजन के बाद मां महागौरी की पूजा प्रारंभ करें।

मां महागौरी का भोग

माता गौरी को नारियल और नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है | आप माता को साबुत नारियल फोड़ कर उसका भोग लगा सकते हैं या नारियल से बने लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं |

आठवें दिन का  शुभ रंग

नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। मां महागौरी को गुलाबी अतिप्रिय है। इसलिए इस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनना   शुभ रहेगा।

माता तेरे चरणों में, भेंट हम चढ़ाते हैं, कभी नारियल तो,  कभी फूल चढ़ाते हैं,  और झोलियां भर-भर के  तेरे दर से लाते हैं| नवरात्र का आठवां दिन  आपके लिए मंगलमय  हो !!