या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
किस फूल से करे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
मां ब्रह्मचारिणी को गुलदाउदी का फूल काफी पसंद हैं. इस दिन मां के चरणों में गुलदाउदी का फूल अर्पित कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है |
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
देवी की पूजा करते समय हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और यह मंत्र बोलें।वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्। जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दूसरे दिन हरा रंग धारण करना शुभ माना जाता है।
ब्रह्मचारिणी नाम क्यों पड़ा?
ब्रह्मचारिणी माता पूर्व जन्म में राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म ली थी। बड़े होने के बाद माता ने नारद जी के उपदेश से भगवान शिव शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की। इसी तपस्या के कारण ही उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।