या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र

किस फूल से करे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

मां ब्रह्मचारिणी को गुलदाउदी का फूल काफी पसंद हैं. इस दिन मां के चरणों में गुलदाउदी का फूल अर्पित कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है |

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

देवी की पूजा करते समय हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें  और यह मंत्र बोलें। वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्। जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

ओम सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते... चैत्र नवरात्र की शुभकामनाएं

मां ब्रह्मचारिणी भोग

मां को भोग में चीनी, मिश्री, दूध और पंचामृत का भोग लगाएं। कहते हैं इन चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य पाया जा सकता है।

मां ब्रह्मचारिणी ध्यान मंत्र

दधना करपद्याभ्यांक्षमालाकमण्डलू। देवीप्रसीदतु मयी ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

दूसरे दिन का  शुभ रंग

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दूसरे दिन हरा रंग धारण करना शुभ माना जाता है।

ब्रह्मचारिणी नाम क्यों पड़ा?

ब्रह्मचारिणी माता पूर्व जन्म में राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म ली थी। बड़े होने के बाद माता ने नारद जी के उपदेश से भगवान शिव शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की। इसी तपस्या के कारण ही उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।