किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
तू बारिश की तरह अपनी खामोशी बरसा,
हम भी सुखी मिट्टी की तरह महकते जाएंगे !!
तू बारिश की तरह अपनी खामोशी बरसा,
हम भी सुखी मिट्टी की तरह महकते जाएंगे !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं !!
जब कोई बाहर से खामोश होता है, तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
मिलती है ख़ामोशी से ज़ालिम को सज़ा यारों,
अल्लाह की लाठी में आवाज़ नहीं होती !!
मिलती है ख़ामोशी से ज़ालिम को सज़ा यारों, अल्लाह की लाठी में आवाज़ नहीं होती !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
देखते हैं पहले क्या टूटता है,
तुम्हारी ख़ामोशी या मेरा यक़ीन !!
देखते हैं पहले क्या टूटता है, तुम्हारी ख़ामोशी या मेरा यक़ीन !!
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किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
जब इंसान अन्दर से टूट जाता हैं
तो अक्सर बहार से खामोश जो जाता हैं !!
जब इंसान अन्दर से टूट जाता हैं तो अक्सर बहार से खामोश जो जाता हैं !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
आप कुछ दिन खामोश होकर देखना,
लोग सच में भूल जाते हैं !!
आप कुछ दिन खामोश होकर देखना, लोग सच में भूल जाते हैं !!
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !!
अगर एहसास बयां हो जाते लफ्जों से,
तो फिर कौन करता तारीफ खामोशियों की !!
अगर एहसास बयां हो जाते लफ्जों से, तो फिर कौन करता तारीफ खामोशियों की !!
किसी के लड़ने चिल्लाने से जायदा,
किसी की ख़ामोशी मार डालती है !!
किसी के लड़ने चिल्लाने से जायदा, किसी की ख़ामोशी मार डालती है !!
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