मां सिद्धिदात्री मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

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मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

नवदुर्गा में मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अंतिम और नौवां स्वरूप है | यह समस्त वरदानों और सिद्धियों को देने वाली हैं | यह कमल के पुष्प पर विराजमान हैं और इनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म है |

किस फूल से करे मां सिद्धिदात्री की पूजा

सबसे पहले मां सिद्धिदात्री के समक्ष दीपक जलाएं। अब मां को लाल रंग के नौ फूल अर्पित करें। फूलों को लाल रंग के वस्त्र में लपेटकर रखना चाहिए। इसके बाद माता को नौ तरह के खाद्य पदार्थ चढ़ाएं। 

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

नवरात्रि की नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए। सर्वप्रथम कलश की पूजा व उसमें स्थपित सभी देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद माता के मंत्रो का जाप कर उनकी पूजा करनी चाहिए।

मां सिद्धिदात्री  का भोग

मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है | कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं |

नौवें दिन का शुभ रंग

नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है | इस दिन बैंगनी रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है |

हर कार्य में सिद्धि पाना हैं तो माँ सिद्धिदात्री के चरणों में अपना शीश झुकाना हैं | नवरात्र की हार्दिक शुभकामना |

 बिगड़े काम बनाती, रोते को हंसाती खुशियाँ ही खुशियाँ सब के जीवन में लाती | नवरात्र का नौवां  दिन आपके लिए मंगलमय  हो |नवरात्र की हार्दिक शुभकामना |