नसीब से ज्यादा भरोसा किया था तुम पर,  नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गये !!

मेरी निगाह में फिर कोई दूसरा चेहरा नहीं आया, भरोसा ही कुछ ऐसा तुम्हारे लौट आने का !!

😔

कुछ ठोकरों के बाद, नजाकत आ गयी मुझमे… अब दिल के मशवरों पे, मैं भरोसा नहीं करती !!

चंद सवालों का मोहताज बन जाता है रिश्ता। काश विश्वास इतना हो की कुछ पूछने की जरूरत ही न पड़े !!

उसकी हँसी पर क्या भरोसा करना, जो शख़्स खुलकर कभी रोया न हो !!

नशीब से ज्यादा भरोसा  तुम पर किया फिर भी नशीब इतना नही बदला जितना तुम बदल गए !!

लोगों के पास बहुत कुछ है मगर मुश्किल यही है की, भरोसा पे शक है और अपने शक पे भरोसा है !!